आरक्षित वर्ग की महिला के साथ थाना तोरवा पुलिस की ओर से निर्वस्त्र कर टॉर्चर करने के मामले में भीम रेजीमेंट छत्तीसगढ़ मातृत्व संस्था एकलव्य वेलफेयर सोसाइटी ने थाना तोरवा का घेराव किया। शांतिपूर्ण तरीके से घेराव के दौरान भी रेजीमेंट छत्तीसगढ़ ने पुलिस प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के ऊपर कार्यवाही की जाए अन्यथा भीम रेजिमेंट उग्र प्रदर्शन करेगा।

भीम रेजिमेंट के पदाधिकारियों की माने तो देवरी खुर्द निवासी नीलम बंजारे जो कि नौकरी लगने वाले एजेंसी में जॉब कंसलटेंट के रूप में कार्य करती है। उसके द्वारा रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर रतनपुर निवासी आकाश भास्कर से 9000 रुपये कंसलटेंट शुल्क लिया गया था। डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी जब आकाश को नौकरी नहीं मिली तो उसने पहले नीलम बंजारे से संपर्क किया,,वहीं संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उसने थाना तोरवा में आकर इस पूरे मामले की जानकारी दी। तोरवा पुलिस पर आरोप है कि शिकायत के बाद पुलिस ने बीते 6 अप्रैल की सुबह सुबह 11 बजे नीलम बंजारे को थाने लेकर पहुंची। जहां उसे निर्वस्त्र कर बुरी तरह टॉर्चर करने के साथ उसके साथ मारपीट भी किया गया। इस घटना से आक्रोशित थाना तोरवा का घेराव करने पहुंचे भीम रेजीमेंट के पदाधिकारी ने कहा कि केवल 9000 रुपये के लिए एक आरक्षित वर्ग की महिला के साथ इस तरह व्यवहार करना पूरी तरह से गलत है जिसकी वे लोग निंदा करते हैं।

अगर इस मामले में पुलिस को नीलम बंजारे को आरोपी मानकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना था तो फिर तोरवा पुलिस ने नीलम बंजारे को निर्वस्त्र करके उसके साथ टॉर्चर कर मारपीट क्यों किया। इतना ही नहीं पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के विपरीत जाकर महिला को सुबह 11:00 से लेकर रात 11:00 बजे तक थाने में ही बिठा कर रखा गया। भीम रेजीमेंट के पदाधिकारी ने कहा कि अभी तो वे लोग शांतिपूर्ण तरीके से थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन से दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ब उचित कार्रवाई की मांग किए हैं। अगर सप्ताह भर के अंदर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह प्रदेश स्तर पर उग्र प्रदर्शन करने के साथ-साथ हजारों की संख्या में थाना तोरवा का भी घेराव करेंगे।

भीम रेजिमेंट द्वारा मंगलवार की सुबह थाना तोरवा का घेराव करने से पहले ही थाना तोरवा में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात नजर आई।यहां थाना तोरवा प्रभारी के साथ थाना सिरगिट्टी प्रभारी और सिटी कोतवाली सीएसपी पूजा कुमार भी मामला शांत होते तक थाने में ही डटी रही। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि थाना तोरवा पुलिस पर लगे गम्भीर आरोपों को बिलासपुर पुलिस के उच्चाधिकारी कैसे निराधार साबित करेंगे या फिर दबाव के चलते दोषियों पर पुलिसिया कार्यवाही की जाएगी।
