
थाना सिविल लाइन अंतर्गत इंदु चौक में में गुरुवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब एक ब्रेक फेल बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े खंभे और एक्टिवा से टकरा गई। इस दुर्घटना में एक्टिवा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन गनीमत रही कि घटना के समय सड़क पर कोई यात्री या अन्य वाहन नहीं था, जिससे एक बड़ी त्रासदी से बचा जा सका।स्थानीय लोगों ने घटना की भयावहता को देखकर राहत की सांस ली।लेकिन यह हादसा शहर की ट्रैफिक और परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर गया है।इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि बिलासपुर के आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी ने शहर की सड़कों को खतरनाक बना दिया है। घटना के बाद बस की जर्जर स्थिति सामने आई, जिसमें घिसे हुए टायर, खराब ब्रेक सिस्टम और पुराना फिटनेस सर्टिफिकेट था। इसने सवाल उठाया कि ऐसी बसें कैसे सड़कों पर दौड़ रही हैं और क्या आरटीओ विभाग ने कभी इनकी सही जांच की।इसके साथ ही यह भी सामने आया कि शहर के ट्रैफिक पुलिस अधिकारी क्या सिर्फ चालान काटने तक सीमित हैं, और क्या भारी वाहनों की तकनीकी जांच कभी होती है।इस हादसे ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि बिलासपुर का ट्रैफिक और परिवहन व्यवस्था भ्रष्टाचार और लापरवाही का शिकार है। यह समय की बात नहीं, बल्कि मानव जीवन से जुड़ा हुआ मुद्दा है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द ही आरटीओ और ट्रैफिक विभाग के संयुक्त जांच अभियान की शुरुआत करें, ताकि शहर की सड़कों पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके। यदि इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो अगली बार किसी की जान जा सकती है।