
मोहर्रम पर ईरानी डेरे के महिला-पुरुष और बच्चों ने कर्बला की जंग में शहादत होने वालों की याद में मातम मनाते हुए रविवार को ताजिया जुलूस निकाला। हर वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी इमाम हुसैन की शहादत पर ईरानी समुदाय ने मातमी जुलूस निकाला। जुलूस में महिलाएं काले लिबास में युवा हाथों में अलम थामे मातम करते हैं।मातमी जुलूस ईरानी इमामबाड़ा से निकाल कर शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए मारीमई पहुंचा। यहां पर समुदाय के महिला, पुरुष और बच्चों ने हल्की बूंदाबांदी पर उन्होंने मातम का प्रदर्शन किया।इस्लामिक मान्यता के अनुसार इसी दिन कर्बला की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हो गए थे। इसलिए इस दिन को शोक के रूप में मनाया जाता है। बिलासपुर में भी ईरानी समुदाय के द्वारा जुलूस निकाला गया जो शहर के मुख्य मार्गो से होकर गुजरी।