छठ पूजा हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से छठ पर्व की शुरुआत होती है। लिहाज़ा रविवार को , डूबते सूरज को अर्ध देकर छठ पर्व के तीसरे दिन की प्रक्रिया पूरा किया तो वहीं अब सोमवार सुबह उठने सूर्य को अर्ध्य देने के साथ इस महापर्व का समापन होगा। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ 3 दिनों से लगातार छठ व्रती माना रहे हैं नहाए खाए के साथ शुरू हुए इस पर्व मैं शुद्धता का काफी ख्याल रखा जाता है यही वजह है कि इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है 36 घंटे के निर्जला उपवास के साथ शुरू होने वाले इस कठिन व्रत के लिए उत्तर भारत में खासा उत्साह रहता है खासतौर पर यह महा पर्व उत्तर भारत का ही माना जाता है, लेकिन अब इस पर्व ने धीरे-धीरे देश भर में लोगों को इससे जोड़ा है यही वजह है कि बिलासपुर में भी पिछले कुछ सालों में छठ पूजा की रौनक दिखाई देने लगी है बिलासपुर के तोरवा छठ घाट मैं छठ पूजा समिति के द्वारा छठ पूजा के लिए समस्त इंतजाम पूर्व से ही पूरे कर लिए गए थे तो वहीं दोपहर से ही छठ पूजा करने वाले लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था जिससे पूरा घाट एक अलग ही स्वरुप में नजर आने लगा शाम होते-होते यहां बड़ी संख्या में पूजा करने लोग पहुंचने लगे और डूबते सूर्य को अर्ध देकर सूर्य देव को अर्पित किया। तो वहीं अब सोमवार की सुबह उठने सूर्य को अर्थ देने के साथ ही चार दिवसीय इस महापर्व का समापन होगा इससे पहलेखरना के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त का समय छठ पूजा के 4 दिनों के इस पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय विशेष महत्व रखता है। ऐसे में खरना के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर वहीं सूर्यास्त का समय शाम 05 बजकर 26 मिनट रहा। छठ घाट पहुंचने वाले लोगों ने भी आयोजन के साथ यहां की व्यवस्था को बेहतर तो बताया लेकिन यहां जो पूजा करने वाले लोगों के लिए अव्यवस्था थी उसके प्रति थोड़ी नाराजगी भी लोगों में नजर आई तो वही पूजा के महत्व को भी लोगों ने बताया. जाहिर तौर पर उत्तर भारत के साथ भोजपुरी समाज के लिए यहां पर्व उनके लिए साल का सबसे बड़ा पर्व होता है यही वजह है कि, दूर दराज में रहने वाले भोजपुरी समाज के लोग इस त्यौहार को महीना ने अपने घरों तक पहुंचाते हैं तो वही नजर बिलासपुर में भी पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है और लोग स्वयं ही पर्व को सभी के साथ खुशियों के साथ मनाने यहां घाट में पहुंच रहे हैं हालांकि पहले से ही पुलिस प्रशासन के साथ समिति ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे तो वही नदी में एसडीआरएफ की टीम और गोताखोर भी तैनात किए गए थे इसके अलावा यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत छठ पूजा करने वाले लोगों को ना हो इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम यहां किए गए थे।




