28.8 C
Bilāspur
Sunday, June 22, 2025
spot_img

कविता के माध्यम से समाज को जागरूक करने वाले साहित्यकार…

बिलासपुर एसईसीएल के सेवानिवृत्त अधिकारी और बंगाल के प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक शुभकान्ति कर साहित्य जगत में एक चर्चित नाम बन चुके हैं। उनकी लेखनी न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी सराही जा रही है। वे कविता और लेखन को एक सशक्त माध्यम मानते हैं, जिसके जरिए वे सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर जनता को जागरूक करने का प्रयास करते हैं। शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कविताओं का मूल उद्देश्य समाज में व्याप्त राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विसंगतियों को उजागर करना है। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से सरकारों की गलत नीतियों पर सवाल उठाते हैं और जनता को सोचने पर मजबूर करते हैं। उनकी कविताएं बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में लिखी जाती हैं, जिससे उनका साहित्य एक व्यापक पाठकवर्ग तक पहुंचता है। उन्होंने बताया कि अब तक कोलकाता के प्रसिद्ध डेज़ पब्लिशर से उनकी 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न विषयों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। उनकी किताबें साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक चिंतकों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे कविता को केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं मानते, बल्कि इसे समाज के आईने के रूप में देखते हैं। उन्होंने विशेष रूप से अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम को देश को एक सूत्र में बांधने वाला बताया। उन्होंने कहा, 370 के हटने के बाद ही हम कह सकते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। शुभकान्ति कर का यह दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि वे न केवल एक कवि हैं, बल्कि एक सजग नागरिक भी हैं, जो समय के साथ देश की नीतियों और उसके सामाजिक प्रभाव पर अपनी पैनी नजर बनाए रखते हैं। उनके अनुसार, साहित्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला माध्यम होना चाहिए।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

132,000FansLike
3,912FollowersFollow
21,600SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles