
गर्मी में लगातार बढ़ते तापमान में अब बिजली की मांग को भी बढ़ा दिया है यही वजह है कि मौजूदा समय में बिजली की मांग 7000 मेगावाट तक जा पहुंची है जिससे बिजली विभाग के लिए परेशानी बढ़ गई है। डिमांड और जनरेशन के बीच बढ़ते अंतर का असर फ्यूजकाल सेंटर में बैठे कर्मचारियों पर भी हो रहा है। सेंट्रल काल सेंटर में प्रदेश के 65 लाख उपभोक्ताओं में से 1 लाख 56 हजार बिजली गुल होने को लेकर शिकायतें दर्ज कराई है।भीषण गर्मी के दौर में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी ने किसानों, व्यवसायियों और उद्योगपतियों के अलावा आम उपभोक्ताओं को सुविधा मुहैया कराने के लिए पॉवर एक्सचेंज और बैंकिंग के साथ ही एचपीडीएएम के जरिये मंहगी दरों पर बिजली खरीदकर आपूर्ति की जा रही है।पावर जनरेशन कंपनी द्वारा वन नेशन, वन ग्रिड के आधार पर देशभर के सभी विद्युत घरों की उत्पादित बिजली ग्रिड में डाली जाती है, उसे राज्य आवश्यकतानुसार खरीदी कर अपने राज्य में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक दिन पहले राज्यों को अपनी डिमांड बतानी पड़ती है।

डिमांड के अनुसार हर 15 मिनट के स्लैब में बिजली की दरें जारी होती हैं, जिस राज्य की दर अधिक रहती है, उसे विद्युत उत्पादक कंपनियां बिजली बेचती हैं। हर साल बढ़ती बिजली की खपत ने जहां एक और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग को सचेत किया है तो वहीं हर साल गर्मी के दिनों में यही समस्या देखने को मिल रही है लेकिन न जाने क्यों साल भर विद्युत विभाग इस दिशा में कोई कार्य नहीं करता जिससे गर्मी आने की स्थिति में फिर से वही पावर कट की समस्या से लोगों को परेशान होना पड़ता है