
भगवत गीता हमें यह संदेश देती है कि संपूर्ण विश्व एक परिवार है। यह समर्पण, प्रेम, भाईचारे और शांति का प्रतीक है। अर्जुन अपने कर्त्तव्य से विचलित हो गए थे, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने भी उस समय गीता सुनाया, उसके बाद अर्जुन को भी अपने कर्त्तव्य का ज्ञान हुआ था। आज चारों ओर अशांति है, लक्ष्य पर अस्थिरता नहीं रहती, परिवारों में शांति व सद्भाव का अभाव रहता है, इन सबका समाधान भगवत गीता ही है। गीता जयंती11 दिसंबर को है। इसके माध्यम से व्यक्ति के जीवन में संतुलन, उद्देश्य और जीवन दर्शन को गहरा करने का प्रयास किया जा रहाहै।

जिससे कि हर व्यक्ति अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव ला सके। राम जन्मभूमि तीर्थ अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज के सानिध्य में 26 नवंबर से 11 दिसंबर मोक्षदा एकादशी तक गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके लिए गीता परिवार बिलासपुर के द्वारा रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉलोनी के सुमुख गणेश मंदिर में बुधवार को गणेश चतुर्थी पर शाम 4 बजे से गीता पाठ किया गया। इसमें गीता परिवार के सदस्य, रेलवे कॉलोनी के निवासी और अन्य भक्त शामिल हुए। गीता परिवार के सदस्यों द्वारा श्रीमद्भगवतगीता के अध्यायों का पठन-पाठन और वाचन किया गया।गीता का माह्यत्म्य, ऑनलाइन गीता के बारे में बताते हुए गीता की पुस्तकें निशुल्क दी गई।

इस अवसर पर मिला त्रिवेदी, पुष्पा त्रिवेदी, अर्चना जोशी, कृति अग्रवाल, संतोष ताम्रकार, बाल साधकों में राजवीर त्रिवेदी, वैष्णवी त्रिवेदी, कनक नायर, वेदांत नायर, शिवांशी केसरवानी, विनी केसरवानी सहित अन्य मौजूद रहीं।गीता परिवार संस्कार सूजन प्रमुख अर्चना जोशी ने बताया कि कोरोना के समय से राम जन्मभूमि तीर्थ अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज के सानिध्य ऑनलाइन गीता पाठ शुरू हुआ था।

आज भी जारी है। प्रतिदिन ऑनलाइन 40 मिनट का गीता पाठ सिखाया जाता है। उन्होंने बताया कि शहर में 50 से ज्यादा परिवार इससे जुड़ चुके हैं। 118 देशों में 13 भाषाओं में गीता पाठ किया जा रहा है।गीता जयंती 11 दिसंबर को है। इस अवसर पर शहर में 15 दिवसीय कार्यक्रम किया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कॉलोनी, मंदिरों में आयोजन कर लोगों को गीता पाठ सिखाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य घर-घर गीता पहुंचाने का है।