गुरु नानक जयंती का पर्व सिख धर्म में बेहद खास माना गया है। सिख समाज के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर पर हर और उत्साह का माहौल नजर आता है यही वजह है कि सोमवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर बिलासपुर में भी गुरुद्वारे में विशेष साज सज्जा की गई तो वहीं गुरु का विशेष दीवान सजाया गया जिसमें सभी सिख समाज के सदस्य शामिल होकर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करते नजर आए ।
गुरु नानक जयंती सिख समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। सिख धर्म के लोग आज के दिन को गुरु नानक देव के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं। हस साल प्रकाश पर्व यानि गुरु नानक देव जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनका जन्म हुआ था. गुरु नानक देव ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी. वे बचपन से ही अलग स्वभाव के थे. जिन्होंने हमेशा जात-पात का विरोध किया. इसके साथ ही वे रूढ़िवादिता, धार्मिक आडंबर और अंधविश्वास के बिलकुल खिलाफ थे. उन्होंने अपने समय में लंगर की शुरुआत की. ताकि छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब सब एक साथ बैठकर भोजन कर सकें. सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी ने एक ओंकार का संदेश दिया। गुरुनानक जयंती पर अनेक उत्सव आयोजित होते हैं, इसे एक पर्व के रुप में मनाया जाता है. इस अवसर पर तीन का अखण्ड पाठ किया जाता है. .इसी कड़ी मे गुरुनानक जी के 554 वे प्रकाश पर्व के अवसर पर बिलासपुर में भी विशेष दीवान सजाया गया। जहां सिख समाज के लोगों ने गुरुओं के सामने माथा टेक कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया इस मौके पर लुधियाना से भाई तनवीर सिंह जी गुरप्रीत सिंह जी और बलवीर सिंह जी के द्वारा यहां पहुंचे समूह साध संगत को शबद कीर्तन से निहाल किया गया।
नरेंद्र पाल सिंह गाँधी
अध्यक्ष दयालबंद गुरुद्वारा
गुरु का आशीर्वाद पाने जनप्रतिनिधियों के साथ आम जनता भी इसमें शामिल हुई जहां शहर विधायक शैलेश पांडे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओलता के साथ भाजपा के कार्यकर्ता और नेता गुरु का आशीर्वाद अपने गुरुद्वारा पहुंचाते रहे तो वहीं शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी श्री मंजीत सिंह गुंबर भी अपने परिवार के साथ गुरुद्वारा पहुँचे और गुरु के सामने माथा टेककर प्रदेश के खुशहाली की कामना की।
इस मौके पर यहां पहुंचने वाले सभी साध संगत को गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया । इस मौके पर बड़ी संख्या में सिख समाज के सदस्य शामिल हुए।


