
बिलासपुर, शहर के चिंगराजपारा इलाके में चल रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वर्षों से अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए मकानों को तोड़कर रहवासियों को अटल आवास में शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन इस कार्रवाई से प्रभावित कई परिवारों में नाराजगी है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में रहवासी जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई में प्रशासन ने मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी की है।

प्रदर्शन में शामिल एक परिवार ने बताया कि उनके 7 साल के बेटे को कैंसर है और उसका इलाज रायपुर में चल रहा था। उन्होंने नगर निगम से 2 दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने बिना इंतजार किए उनका मकान ढहा दिया। इससे आहत परिजन बच्चे के शव को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कार्रवाई पर आपत्ति जताई। आक्रोशित रहवासियों का कहना है कि प्रशासन ने न तो वक्त दिया और न ही विकल्प की उचित व्यवस्था की।

उन्होंने मांग की कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन के दौरान रहवासियों ने कहा कि वे अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन प्रशासन को मानवीय आधार पर फैसले लेने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस अटल आवास में उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है, वह रहने योग्य नहीं है। वहां न तो बिजली-पानी की व्यवस्था है, न ही साफ-सफाई और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कलेक्टर संजय अग्रवाल से मांग की कि पुनर्वास स्थल को पहले रहने योग्य बनाया जाए, ताकि विस्थापित परिवारों को कोई असुविधा न हो।