
छत्तीसगढ़ में लगातार रेल संभावनाओं को आगे बढ़कर कई क्षेत्र को नए रेल मार्ग से जोड़ा जा रहा है इसी घड़ी में अब राज्य में खैरागढ़ से परमालकसा तक बनने वाली नई रेलवे लाइन परियोजना देश की शीर्ष दस रेलवे परियोजनाओं में शामिल हो चुकी है। जिससे आने वाले समय में रेल विकास की संभावनाएं बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क के विस्तार को एक नई दिशा मिलने जा रही है। राज्य में खैरागढ़ से परमालकसा तक बनने वाली नई रेलवे लाइन परियोजना अब देश की शीर्ष दस रेलवे परियोजनाओं में शामिल हो चुकी है। यह परियोजना राज्य के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन लाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होने वाली है। कुल 615 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना पर करीब 8,741 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है। इसमें 278 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक विकसित किया जाएगा। साथ ही 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 ओवर ब्रिज, 184 अंडर ब्रिज और 5 फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत 21 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जो भविष्य में राज्य के औद्योगिक और शहरी केंद्रों को सीधे जोड़ने का कार्य करेंगे।

यह रेलवे लाइन खैरागढ़ से शुरू होकर परमालकसा तक जाएगी और बलौदाबाजार, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर चांपा, सक्ती और बिलासपुर जैसे जिलों को सीधे लाभान्वित करेगी। विशेष रूप से बलौदाबाजार क्षेत्र में सीमेंट उद्योग को इस कनेक्टिविटी से नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोत्तरी होगी। कृषि और लघु उद्योगों के लिए कच्चा माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही आसान हो जाएगी।परियोजना के अंतर्गत रायपुर बाईपास का निर्माण राज्य को सीधे महाराष्ट्र से जोड़ने का कार्य करेगा। यह न केवल यात्री परिवहन को सुगम बनाएगा, बल्कि औद्योगिक माल की आवाजाही को भी तेज और कम लागत वाला बनाएगा। इससे छत्तीसगढ़ देश के अन्य औद्योगिक राज्यों के साथ बेहतर व्यापारिक संबंध स्थापित कर पाएगा। बहरहाल छत्तीसगढ़ की यह नई रेलवे परियोजना न केवल एक परिवहन सुविधा है, बल्कि यह राज्य के सामाजिक और आर्थिक भविष्य की नींव भी है। इसके माध्यम से गांव, कस्बे और शहर आपस में बेहतर जुड़ेंगे, नए उद्योग विकसित होंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के समग्र विकास को नई गति मिलेगी।