
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया के दौरान गुरुवार को लाल बहादुर शास्त्री आडिटोरियम में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। युक्तियुक्तकरण के इस आयोजन में शिक्षकों को नई शालाओं में पदस्थापित किया जा रहा था, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था। न तो बैठने की व्यवस्था ठीक से थी, न ही चलित शौचालय या पेयजल की व्यवस्था की गई थी, जिससे दूर-दराज से आए शिक्षक परेशान हुए।अव्यवस्था का आलम इतना था कि यहां पहुंचे शिक्षक अपनी बारी का इंतजार करते हुए भटकते नजर आए।

विशेष रूप से बिल्हा की एक शिक्षिका, चन्द्र किरण खांडे, के साथ एक गंभीर समस्या आ गई। उनका स्थान चयन करते समय सूची में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें अलग-अलग सूचियां दी गईं, जिससे उनके चयन में करीब 30 मिनट का समय बर्बाद हुआ। यह स्थिति नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार और शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी रामेश्वर जायसवाल को भी नाराज करने वाली थी।नोडल अधिकारी रामेश्वर जायसवाल और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने इस अव्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई और शिक्षिका को फटकार भी लगाई।

उन्होंने कहा आप समय बर्बाद कर रही हैं, अच्छा से जांच करके मंच पर आइए।इसके बाद, आयोजन में किसी तरह से कार्यवाही आगे बढ़ी, लेकिन पूरे आयोजन का माहौल अव्यवस्था से भरा रहा, जिससे शिक्षक और अधिकारी दोनों ही असंतुष्ट रहे।यद्यपि शासन की तरफ से शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को एक बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन इस आयोजन में हुई अव्यवस्था ने प्रशासनिक सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले आयोजनों में न केवल प्रशासन की छवि पर असर पड़ेगा, बल्कि शिक्षकों के लिए यह प्रक्रिया और भी कठिन हो सकती है।