
बिलासपुर के हाईटेक बस स्टैंड की अव्यवस्था और असामाजिक गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस प्रशासन ने अब सख्त रुख अपनाया है। यातायात एएसपी रामगोपाल करियारे की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी बस संचालकों, ड्राइवर-कंडक्टर, एजेंट और व्यापारियों को सुरक्षा से जुड़े नए नियमों की जानकारी दी गई। बस स्टैंड पर लगातार बढ़ती भीड़ और गतिविधियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया कि अब ड्राइवर और कंडक्टर के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य होगा। इससे उनकी पहचान आसानी से की जा सकेगी और बाहरी संदिग्ध तत्वों की बस परिसर में घुसपैठ पर रोक लगेगी।

साथ ही एजेंट और कर्मचारियों को फोटोयुक्त आईडी और आधार कार्ड हमेशा साथ रखने के निर्देश दिए गए हैं।एएसपी ने कहा कि ड्रेस कोड और पहचान पत्र अनिवार्य करने का मकसद है पहचान सुनिश्चित करना और असामाजिक गतिविधियों पर नियंत्रण। अब कोई भी संदिग्ध तत्व बस स्टैंड में आसानी से नहीं घूम पाएग। बैठक में यह भी तय किया गया कि स्टैंड में कार्यरत सभी कर्मचारी व व्यापारी स्थायी रूप से रजिस्टर्ड रहेंगे। इससे किसी भी आपात स्थिति में सही व्यक्ति की पहचान संभव हो सकेगी और निर्दोष लोग जांच के झंझट से बच सकेंगे। वहीं असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की बात भी दोहराई गई।बिलासपुर का हाईटेक बस स्टैंड राज्य का प्रमुख बस अड्डा है, जहां देशभर से यात्री आते-जाते हैं।

ऐसे में यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से अहम है, बल्कि यात्रियों की सुविधा और व्यवस्था के लिए भी जरूरी माना जा रहा है। यात्रियों को अब एक अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित परिवेश मिलेगा, जहां स्टाफ की पहचान स्पष्ट होगी और सुरक्षा एजेंसियों को निगरानी में आसानी होगी। पुलिस ने यह भी साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।बस स्टैंड जैसी सार्वजनिक जगहों पर सख्ती अब वक्त की मांग है। उम्मीद है कि इस पहल से यात्रियों की सुरक्षा में सुधार होगा और असामाजिक गतिविधियों पर लगाम लगेगी।