बिलासपुर के कठमूढा गांव में बाघ के हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम लगातार बाघ की तलाश में जुटी हुई है। सुरक्षा के लिहाज से आसपास के गांवों में विद्युत आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। बाघ के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। बिलासपुर के कठमूढा गांव में बाघ के देखे जाने के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। वन विभाग और पुलिस की टीम लगातार गश्त कर रही है और बाघ को ट्रैक करने का प्रयास कर रही है। यह इलाका अचानकमार टाइगर रिजर्व के टिंगीपुर और सिंहावल सागर क्षेत्र से मात्र 14 किलोमीटर दूर है। इससे पहले भी इस दिशा से वन्यप्राणी गांवों तक पहुंचे हैं। बाघ के मूवमेंट को देखते हुए आसपास के गांवों में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई ताकि वह गांवों की ओर न बढ़े। वन विभाग की टीम को सुबह गाड़ाघाट टिकरी गांव में बाघ की मौजूदगी की जानकारी मिली। इसके बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई और कोटवारों के माध्यम से ग्रामीणों को घर से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी गई। डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यदि बाघ जंगल की ओर लौट जाता है तो उसे रेस्क्यू नहीं किया जाएगा, लेकिन यदि वह गांवों की ओर बढ़ता है तो उसे ट्रैंक्विलाइज़ कर जंगल में छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि बाघ नदी के किनारे-किनारे विचरण कर रहा है और अब तक किसी को स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दिया है। विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंच रही है और दिन के उजाले में ही ट्रैंक्विलाइज़ेशन की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल वन विभाग की टीम पूरी तरह मुस्तैद है और क्षेत्र में लगातार मुनादी कराई जा रही है. बाघ के हर एक मूवमेंट पर और विभाग की नजर है।