
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए एक नई पहल की जा रही है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिले में ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत जिले के कुल 102 ग्रामों का चयन किया गया है, जिसमें कोटा विकासखंड के 65, बिल्हा के 11, मस्तूरी के 13 और तखतपुर विकासखंड के 13 ग्राम शामिल हैं। इस अभियान के अंतर्गत 15 जून से विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में जनजातीय समुदाय के लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूक किया जाएगा और आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। शिविरों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, आजीविका, आंगनबाड़ी सेवाएं, डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और पात्र लोगों का पंजीयन भी किया जाएगा। सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बिलासपुर आकांक्षा पटेल ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से जनजातीय वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए विभाग समन्वित प्रयास करेगा।

अभियान का उद्देश्य केवल योजनाओं की जानकारी देना नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त विकासात्मक अंतर को पहचानकर उन्हें दूर करना है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का मुख्य उद्देश्य है – जनजातीय क्षेत्रों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना। इसके तहत सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाना, शिक्षा स्तर में सुधार लाना और आजीविका के अवसर सृजित करना प्रमुख लक्ष्य हैं। इस विशेष अभियान के माध्यम से जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देकर उन्हें आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जाएगा। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों से अभियान का अधिकाधिक लाभ उठाने की अपील की गई है।