
सेवा सहकारी समिति मर्यादित पोंड़ी में धान खरीदी के नाम पर एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। वर्ष 2023-24 में खरीदे गए धान में करीब 63 लाख रुपये से अधिक का गबन सामने आया है। इस खुलासे से किसानों में आक्रोश और शासन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा प्रबंधक अभिषेक शर्मा की शिकायत पर सकरी थाने में मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि खरीदी गई कुल 55,476 क्विंटल धान में से 2,226.77 क्विंटल स्टॉक में होना था, लेकिन मौके पर केवल 195.77 क्विंटल अमानक धान मिला। यानी 2,031 क्विंटल धान रहस्यमय तरीके से स्टॉक से गायब पाया गया।गायब धान की कीमत बाजार में करीब 62 लाख 96 हजार रुपये आंकी गई है। इस घोटाले में तात्कालीन संस्था प्रबंधक अरुण कुमार कौशिक, केंद्र प्रभारी रामखिलावन धुर्वे और कंप्यूटर ऑपरेटर हरी यादव की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।

पुलिस ने तीनों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है।जांच में यह भी खुलासा हुआ कि रिकॉर्ड एंट्री, स्टॉक सत्यापन और निगरानी प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई। मामले में अधिकारियों की मिलीभगत और सुनियोजित तरीके से गबन की आशंका जताई जा रही है।पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक धान की हेराफेरी योजनाबद्ध तरीके से की गई। स्टॉक सत्यापन के समय जानबूझकर रिकॉर्ड छुपाए गए और गलत जानकारी प्रस्तुत की गई। फिलहाल पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। किसानों और ग्रामीणों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और नुकसान की भरपाई की मांग की है। वहीं जिला प्रशासन ने भी आंतरिक जांच बैठा दी है।