
बिलासपुर जिले के ग्राम बसिया के रहने वाले शिवचरण सूर्यवंशी की, जिन्होंने प्लास्टिक ड्रम से एक अनोखा देसी कूलर बनाया है। इसकी खासियत है, कम खर्च में शानदार ठंडक और करंट का कोई खतरा नहीं।शिवचरण ने कोरोना काल के दौरान इस देसी कूलर को अपने घर के लिए बनाया था। लेकिन जब गांव के लोगों ने इसकी ठंडी हवा और कम लागत देखी, तो मांग बढ़ती चली गई। आज वो 200 से ज्यादा कूलर बेच चुके हैं और लाखों की कमाई कर रहे हैं। इस कूलर को बनाने में एक प्लास्टिक ड्रम, मोटर, वायरिंग और खस की परत का इस्तेमाल होता है।

इसमें 55 लीटर तक पानी भरकर रखा जा सकता है जिससे ये घंटों तक ठंडी हवा देता है। शिवचरण को ये आइडिया तब आया जब उनके बच्चे को एक टीन के कूलर से करंट लग गया था। तभी उन्होंने सोचा कि अगर प्लास्टिक का कूलर बने, तो वो सुरक्षित होगा।इस कूलर की कीमत 3 से 7 हजार रुपये तक है, यानी आम कूलर से सस्ता, टिकाऊ और बिजली की खपत भी कम। सबसे बड़ी बात ये अब एक छोटा बिजनेस बन चुका है, जिससे शिवचरण खुद तो आत्मनिर्भर बने ही हैं, कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।