
बिलासपुर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश के आव्हान पर जिले के पेंशनर्स संगठन ने गुरुवार को अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राज्य सरकार से पेंशनरों से जुड़ी मांगों पर तत्काल निर्णय लेने की अपील की गई है। संगठन ने ज्ञापन में पहली मांग के रूप में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित करने हेतु विधानसभा में शासकीय संकल्प पारित करने की बात कही है। पेंशनर्स महासंघ का दावा है कि ऐसा करने से छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवर्ष 2000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। दूसरी मांग केंद्र सरकार की तर्ज पर डी.आर. को एरियर सहित देने और इसे कैबिनेट से पारित करने की है। तीसरी मांग के तहत महासंघ ने पेंशन एवं भविष्य निधि संचालनालय की स्थापना के बाद अब प्रत्येक जिले में संयुक्त संचालक पेंशन एवं जिला पेंशन कार्यालय खोलने की मांग की है, ताकि पेंशनर्स को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं मिल सकें। वहीं, चौथी मांग में पेंशनर्स को सभी सरकारी और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की गई है। पांचवीं और अंतिम मांग में सेवानिवृत्त नियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के संपूर्ण सेवाकाल को पेंशन अवधि की गणना में शामिल करने और उन्हें अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तरह आर्थिक लाभ देने की बात कही गई है। पेंशनर्स संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्य स्तर पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।