
बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व मामलों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नामांतरण, सीमांकन, बंटवारे जैसे भूमि से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और तत्परता बेहद जरूरी है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जनता से सीधे जुड़े इन मामलों का निराकरण संवेदनशीलता के साथ किया जाए। बैठक में कलेक्टर ने एग्रीस्टेक योजना के तहत किसान पंजीयन की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि अब तक केवल 43 प्रतिशत किसानों का पंजीयन हुआ है, जिससे बिलासपुर जिला राज्य में पिछड़ रहा है। इस पर उन्होंने कृषि और राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से विशेष शिविर आयोजित कर शत-प्रतिशत पंजीयन लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को सार्वजनिक रास्तों के चिन्हांकन और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तेजी लाने को कहा।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों में भूमि से जुड़े मामले लंबित न रखें और समयबद्ध ढंग से उनका समाधान करें। बैठक के दौरान कलेक्टर ने राजस्व भूमि पर अतिक्रमण की पहचान कर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने सभी तहसीलदारों को वन भूमि से संबंधित अभिलेख तैयार करने और इसके लिए फील्ड विजिट कर रिपोर्ट बनाने को कहा। स्वामित्व योजना की भी समीक्षा करते हुए उन्होंने आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। बैठक में ई-कोर्ट प्रकरण, जाति प्रमाण पत्र, डायवर्सन, अभिलेख शुद्धता, नजूल भूमि आबंटन और भू-नक्शा अपडेशन जैसे विषयों की भी समीक्षा की गई।