बिलासपुर धर्मांतरण का केंद्र बिंदू बनता ही जा रहा है, एक तरफ विष्णु देव सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है, वही न्यायधानी कहें जाने वाले बिलासपुर में एक के बाद एक धर्मांतरण का भंडाफोड़ हो रहा है, ताज्जुब की बात तो ये है कि इस धर्मांतरण के खुला खेल को रोकने प्रशासन की भूमिका उदासीन नजर आ रही है, वहीं हिन्दू सेना एक के बाद एक छापामार कार्रवाई कर इस धर्मांतरण के खेल का शहर के अंदर ही खुलासा कर रहे है। बात करें अभी की तो फिर से एक बड़ा धर्मांतरण का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित पति सोनू महतो महिला थाना पहुंचा और अपनी आपबीती मीडिया को बताया। दरअसल पेंड्रा रोड निवासी सोनू महतो का विवाह बिलासपुर के देवरीडीह की रहने वाली युवती से पिछले वर्ष हुआ था। पीड़ित सोनू के मुताबिक तीन महीने साथ रहने के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हुई। इसके बाद उसके मायके वाले उसे देखरेख करने बिलासपुर ले आए। जब पति अपनी पत्नी से मिलने जाता था तब पत्नी और उसके परिजन पीड़ित पति को ईसाई धर्म अपनाने दबाव डालते थे, हिंदू देवी देवता को मानने से मना करते थे। इससे नाराज होकर पति अपनी पत्नी को घर चलने कहा,पर पत्नी ने मना कर दिया। इसके बाद पीड़ित की पत्नी से एक बच्चा हुआ,तब एक पिता का मन बच्चे को देखने का हुआ। एक बार फिर पीड़ित पति सोनू अपनी पत्नी और बच्चे को घर ले जाने बिलासपुर पहुंचा।फिर वही उसकी पत्नी और उसके परिजनों ने उसे ईसाई धर्म अपनाने कहा, लेकिन पीड़ित पति सोनू ने हिन्दू धर्म छोड़ दूसरा धर्म अपनाने से मना कर दिया। जिसके बाद मामला महिला थाना पहुंचा। महिला थाना प्रभारी ने धर्म परिवर्तन जैसे किसी भी शिकायत से साफ इंकार कर दिया साथ ही विवेचना कर जांच की बात कही।