बिलासपुर में करोड़ों की जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी ने रिश्तेदारों के साथ मिलकर न सिर्फ फर्जी दस्तावेज तैयार किए, बल्कि एक महिला को असली जमीन मालिक बनाकर खड़ा कर सीमांकन भी करवा लिया। पुलिस ने अब इस मामले में धोखाधड़ी और कूटरचना का केस दर्ज किया है। तोरवा थाना क्षेत्र में रहने वाली गृहिणी मीना गंगवानी के साथ करोड़ों की जमीन के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। उनके पति की मृत्यु के बाद उन्हें विरासत में खसरा नंबर 445 की 8.90 डिसमिल जमीन मिली थी। इसी जमीन को हड़पने के लिए भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर साजिश रची।मीना गंगवानी की जमीन के पास की भूमि का पावर ऑफ अटॉर्नी डूलाराम मोटवानी के पास था, जो लगातार गंगवानी परिवार पर जमीन छोड़ने का दबाव बना रहा था। इसी क्रम में डूलाराम ने पहले उनके पति द्वारा बनाई गई बाउंड्रीवॉल को अपनी बता कर तोड़ दिया। इसके बाद 10 मार्च 2022 को डूलाराम मोटवानी ने तहसील में कूटरचना कर मीना गंगवानी के नाम पर किसी दूसरी महिला को खड़ा कर दिया। फर्जी शपथ पत्र और दस्तावेज तैयार कर सीमांकन करवाया और पूरी रिपोर्ट अपने पक्ष में कर ली।सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर डूलाराम ने अतिरिक्त तहसीलदार के समक्ष जमीन को अपनी बताते हुए मीना के बेटे पीयूष गंगवानी के खिलाफ कब्जा दिलवाने की अर्जी लगाई और फिर से बाउंड्री तोड़ दी। मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने नरेंद्र, डूलाराम, महेंद्र और राजेंद्र मोटवानी पर केस दर्ज किया।नरेंद्र मोटवानी का यह पहला मामला नहीं है। उस पर एक नाबालिग लड़के ने अपहरण, बंधक बनाने और उसकी मां के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप लगाया था। इस केस में दयालबंद के कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर की भी संलिप्तता पाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में भी केस दर्ज कर नरेंद्र मोटवानी और ऋषभ पनिकर को गिरफ्तार किया था, लेकिन नरेंद्र ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर खुद को मेडिकल तौर पर अनफिट घोषित करवा लिया और जमानत पा ली।तब से वह गंगवानी परिवार को लगातार परेशान कर रहा है।इसके अलावा नरेंद्र मोटवानी पर बैंक मैनेजर से मिलीभगत कर 14 लाख रुपए का फर्जी लोन लेने का भी आरोप है।ठेकेदार को झांसा देकर जरूरी दस्तावेज हासिल किए गए और फर्जी हस्ताक्षर कर पूरा लोन हड़प लिया गया। इस मामले में भी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।