
बिलासपुर जिले के महमंद ग्राम पंचायत में सार्वजनिक रास्ते पर बनी अवैध सीढ़ी को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद अब सियासत की भेंट चढ़ता दिख रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें बेवजह झूठी शिकायतों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। वार्ड क्रमांक 7 में चार फीट चौड़ी सड़क पर एक फीट चौड़ी अवैध सीढ़ी बना दी गई थी। ग्राम पंचायत और सरपंच द्वारा कई बार कहने के बावजूद मकान मालिक ने सीढ़ी हटाने से इनकार कर दिया।

यहां तक कि सीढ़ी की चौड़ाई 10 इंच से घटाकर 5 इंच करने का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया गया।ग्रामीणों और पंचगण ने रास्ते में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सर्वसम्मति से सीढ़ी हटाने का निर्णय लिया। वार्ड पंच पिंटू जी की मौजूदगी में पूर्व व वर्तमान जनप्रतिनिधियों की सहमति से शांति पूर्ण ढंग से अवैध सीढ़ी को हटाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान कोई विवाद या गाली-गलौज नहीं हुआ।इसके बावजूद सरपंच और उनके सहयोगियों ने नागेंद्र राय, धर्मेंद्र कुमार, रोहन सिंह और अभिषेक उर्फ कलवा के खिलाफ थाना तोरवा में शिकायत दर्ज करा दी। ग्रामीणों का आरोप है कि यह शिकायत पूरी तरह झूठी है और उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है।

घटना के अगले दिन नागेंद्र राय और अन्य ग्रामीणों ने भी थाना तोरवा पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका कहना है कि इस पूरी घटना का वीडियो साक्ष्य मौजूद है, जो सच को उजागर कर सकता है।ग्रामीणों ने पुलिस से अपील की है कि मौके पर जाकर प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जाएं और मामले की गहराई से जांच कर सच्चाई को सामने लाया जाए।

उनका आरोप है कि एकतरफा एफआईआर दर्ज कर वास्तविकता को नजरअंदाज किया गया है। थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। उनका कहना है कि पुलिस साक्ष्यों के आधार पर ही कार्रवाई करेगी और किसी निर्दोष पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अब गांव वालों की निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी और सच सामने आएगा।