
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को जिले में पूरा हुए एक माह बीत चुका है, बावजूद इसके करीब 200 शिक्षकों ने अभी तक अपने नए पदस्थापना वाले स्कूलों में ज्वॉइनिंग नहीं की है। इससे छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिले में शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण के तहत करीब 750 व्याख्याताओं, शिक्षकों और सहायक शिक्षकों को रिक्त पदों पर काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना दी गई थी। इनमें से अधिकांश शिक्षकों ने अपने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है, लेकिन लगभग 200 शिक्षक अभी भी अनुपस्थित हैं। विशेषकर शहर और आसपास कार्यरत शिक्षक, जिन्हें दूरस्थ स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है, वे ज्वॉइन नहीं कर रहे हैं। कुछ शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में त्रुटियों का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है, जहां उनके मामले विचाराधीन हैं। वहीं कई शिक्षक पुराने स्थान पर लौटने का प्रयास कर रहे है जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों ने अभी तक ज्वॉइनिंग नहीं की है, उनका वेतन रोकने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हालांकि यह कार्रवाई उन शिक्षकों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें हाईकोर्ट से अंतरिम राहत प्राप्त है। आदेश की प्रति सभी ब्लॉकों के अधिकारियों और संबंधित विद्यालयों को भेज दी गई है। प्रशासन का यह कदम सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन बना रहे और छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। साथ ही, इससे उन शिक्षकों को भी संदेश मिलेगा जो सरकारी आदेशों का पालन करने में टालमटोल कर रहे हैं।