
बिलासपुर से एक शर्मनाक खबर सामने आई है, जहां रेलवे में पदस्थ एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी ही देखरेख में काम करने वाली नर्स के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने 10 दिन बाद साहस दिखाते हुए मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।वीओ: यह मामला बिलासपुर रेलवे स्टेशन के मेडिकल यूनिट से जुड़ा है, जहां एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स, स्टेशन यूनिट में तैनात थी। यूनिट की जिम्मेदारी डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट फिरतूराम पटेल के पास थी। नर्स ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे पार्टी में बुलाने का बहाना बनाया और फिर अकेले पाकर उसके साथ बलात्कार किया।घटना के बाद डरी-सहमी नर्स ने तकरीबन दस दिन तक किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में जब उसने परिवार को पूरी बात बताई, तो हिम्मत जुटाकर सरकंडा थाने में केस दर्ज कराया गया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी।पुलिस जब आरोपी के घर, गणेश वैली में दबिश देने पहुंची, तो वह वहां नहीं मिला। इसके बाद टीम ने रेलवे स्टेशन में घेराबंदी कर ऑफिस से ही आरोपी फिरतूराम पटेल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।जिला पुलिस मुख्यालय मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि 28 मई को पीड़िता की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए तत्काल धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी रेलवे अधिकारी लंबे समय से अकेला रह रहा था। रेलवे सूत्रों के मुताबिक उसकी पत्नी ने अलग रहने की अर्जी दी थी। ऐसे में उसने नर्स की मजबूरी और अकेलेपन का फायदा उठाने की कोशिश की।रेलवे जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पदस्थ एक अधिकारी का यह रूप समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। सवाल ये भी है कि आखिर पीड़िता ने 10 दिन तक चुप्पी क्यों साधे रखी क्या वह डरी थी, दबाव में थी, या समाज के डर से चुप रही।लेकिन अब जब उसने हिम्मत दिखाई है, तो कानून भी पूरी सख्ती से अपना काम कर रहा है।