संस्कारधानी के एसईसीआर रेलवे परिक्षेत्र में विश्वकर्मा पूजा का भव्य आयोजन किया गया है। शुभ योग के बीच देवशिल्पी का आगमन मंगलवार को हुआ । विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लोग अपने संस्थान, कारखानों में औजारों और मशीनों की पूजा करते नजर आए। शहर के साथ रेलवे परिक्षेत्र में विशेष रूप से उत्सव के रूप में इस दिन को मनाया गया।मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अस्त्र भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण किया था। बुनकर, शिल्पकार, औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग विशेष तौर पर इस दिन विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाते हैं। बता दें की रेलवे परिक्षेत्र के संंयुक्त लाबी रनिंग स्टाफ द्वारा इस वर्ष भव्य पंडाल बनाया गया है।जहाँ भगवान विश्वकर्मा जी की आकर्षक प्रतिमा बैठायी गई है।यहां तीन दिनों तक विश्वकर्मा पूजा की धूम रहेगी।यहां हर साल गार्ड और लोको पायलट,असिस्टेंट पायलट की संयुक टीम द्वारा हर साल नए रूप में विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है।इस साल भगवान विश्वकर्मा जी को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप दिया गया है जो कालिया मर्दन करते नजर आ रहे है।

इसी के साथ कोरोना काल के बाद रेलवे स्टेशन में विभिन्न आयोजनों के साथ आर्केस्ट्रा का भी आयोजन किया जायेगा। साथ ही वीआइपी गेट के पास, टेलीकॉम, मैकेनिकल, डीआरएम आफिस, इलेक्ट्रिकल,इंजीनियरिंग समेत सभी विभागों में प्रतिमा स्थापना की गई है। रेल कालोनी में बच्चों को झांकियां भी देखने को मिलेंगी।इसके साथ ही रेलवे परिक्षेत्र में कई जगह छोटे मेले भी लगे हैं।खासकर रात की अंधेरे में पंडालों की रोशनी से रेलवे परिक्षेत्र जगमगा उठता है।देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की स्थापना के बाद से ही पूजा आराधना के लिए सभी भक्त अलग-अलग पंडालों में पहुँच रहे है और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते नजर आ रहे हैं खास तौर पर रेलवे परिक्षेत्र में इस पूजा को विशेष रूप से हर साल मनाया जाता है।आकर्षक लाइटिंग, विशाल पंडाल, और मनमोहक झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। रेलवे के अधिकारी भी इस उत्सव में परिवार सहित शामिल हो रहे हैं। जहां श्रद्धालु भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर इस परंपरा को जीवित रखने में योगदान देते हैं।
