
बिलासपुर रेलवे स्टेशन एक बार फिर चोरों के निशाने पर है। गजरा चौक स्थित जनरल टिकट काउंटर में बीती रात चोरी की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। खास बात ये है कि ये चोरी एक महीने के भीतर दूसरी बार हुई है, और इस बार भी चोर आराम से ताला तोड़कर काउंटर में दाखिल हुआ और चिल्लर समेटकर चलता बना। सीसीटीवी फुटेज में कैद इस घटना में साफ देखा जा सकता है कि नकाबपोश चोर कैसे बेधड़क टिकट काउंटर का ताला तोड़ता है, भीतर घुसता है और फिर जेब भरकर निकल जाता है। हालांकि उसे सिर्फ एक से डेढ़ हजार की चिल्लर ही हाथ लगी, लेकिन यह सवाल कहीं ज्यादा बड़ा है कि आखिर रेलवे स्टेशन जैसी हाई-सिक्योरिटी जगह पर चोरी इतनी आसानी से कैसे हो रही है।23 अप्रैल को भी पीआरएस काउंटर में इसी तरह की चोरी की वारदात सामने आई थी। महज़ एक महीने बाद फिर से चोरी होना, इस बात का संकेत है कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाएं केवल कागजों में हैं। आरपीएफ की चौकी स्टेशन पर मौजूद है, जवान लगातार ड्यूटी पर रहते हैं, फिर भी चोर निडर होकर परिसर में घुस रहे हैं।यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों में अब असुरक्षा का माहौल बन गया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब टिकट काउंटर तक महफूज़ नहीं है, तो प्लेटफॉर्म, वेटिंग हॉल और यात्री कहां सुरक्षित हैं? क्या रेलवे केवल CCTV कैमरे लगाने से अपनी जिम्मेदारी पूरी मान बैठा है।सीनियर डीसीएम ने कहा कि जहां-जहां रेलवे का क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है, वहां CCTV कवरेज है। लेकिन सुरक्षा सिर्फ रेलवे की नहीं, बल्कि GRP, RPF और लोकल पुलिस की संयुक्त जिम्मेदारी है। स्टेशन खुला क्षेत्र है, ऐसे में सतर्कता और समन्वय बेहद जरूरी है। बयान भले संतुलित हो, लेकिन सच्चाई यही है कि चोरी की घटनाओं से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और आम जनता का भरोसा कमजोर। सीसीटीवी में चोर दिख भी जाए, तब भी उसे पकड़ने में पुलिस को वक्त लग रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या अब चोरों के लिए रेलवे स्टेशन ‘नो रिस्क जोन’ बन चुका है।