सिविल लाइन थाना क्षेत्र में सुलभ शौचालय कर्मचारी पर धारदार हथियार से हमला हुआ, लेकिन पुलिस ने इस गंभीर मामले को हल्के में लेते हुए आरोपी पर सामान्य धाराओं में कार्रवाई कर उसे मुचलके पर छोड़ दिया। इस रवैये से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है, जहां बाजपेयी ग्राउंड के सामने स्थित सुलभ शौचालय में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक कर्मचारी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। कर्मचारी ने बताया कि आरोपी मालिक दास उर्फ सोनू मानिकपुरी से 5 रुपये शुल्क मांगा गया था, जिस पर वह भड़क गया और चाकू से उसके हाथ पर वार कर दिया। इसके बाद वाइपर से भी हमला किया और जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया।घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज किया। लेकिन जिस तरह से जानलेवा हमला और धमकी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, उसके बावजूद पुलिस ने सख्त धाराओं में कार्रवाई करने की बजाय मामले को सामान्य धाराओं में दर्ज कर आरोपी को मुचलके पर छोड़ दिया। इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस अब अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है?