सरकारी जमीन की हेराफेरी कर बंदरबाट मामले में जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। आवासीय उपयोग के लिए करोड़ों रुपए कीमती नजूल भूमि को लीज धारक ने बिल्डर के साथ मिलकर 54 टुकड़ों में बेच दिया।इतना ही नही सरकारी नियमों को दरकिनार कर रजिस्ट्री कार्यालय के रजिस्ट्रार ने भी जमीन की रजिस्ट्री कर दी।जांच में गड़बड़ी सामने आने पर अब नजूल विभाग की तहसीलदार ने लीज धारक और बिल्डर के खिलाफ थाना सिविल लाइन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।वहीं कलेक्टर ने दोनों तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार लक्ष्मी पांडेय और वीएस मिंज को निलंबित करने अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि आवासीय उपयोग के लिए नजूल की जमीन को लीज पर दी गई थी, लेकिन भूपेंद्र राव ने नगर निगम की अनुमति के बिना और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से ले-आउट पास कराए बगैर ही जमीन को 54 टुकड़ों में अलग-अलग लोगों को बेच दिया।पूरे मामले में जांच के बाद मामले में धोखाधड़ी करने वाले लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।