

बिलासपुर :- बिलासपुर के सूर्या चौक, चिंगराज पारा में सावन के पवित्र महीने में सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की अद्भुत मिसाल देखने को मिली।वर्षों से अधूरा पड़ा नागेश्वर महादेव मंदिर अब अपने भव्य स्वरूप में श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। इस सपने को साकार करने में मुस्लिम युवक मुशरफ खान, बीजेपी नेता एवं थोक फल व्यापारी संघ अध्यक्ष राजू सोनकर और क्षेत्रवासियों की अहम भूमिका रही।करीब दो दशक पहले मोहल्लेवासियों ने मेन रोड पर भव्य मंदिर निर्माण की योजना बनाई थी। शुरुआत में उत्साह और सहयोग से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन कुछ कारणों से मंदिर केवल ढांचे तक सीमित रह गया और वर्षों तक अधूरा खड़ा रहा। समय बीतने के बावजूद मोहल्ले के लोगों के मन में इसे पूर्ण करने की इच्छा जीवित रही।मुसरफ खान ने इस अधूरे मंदिर को देखकर संकल्प लिया कि इसे पूर्ण कर मूर्ति स्थापना करेंगे। निर्माण कार्य के दौरान उन्हें हिंदू परंपराओं और विधियों की जानकारी न होने की चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन धैर्य और लगन से उन्होंने आवश्यक जानकारी जुटाई।धन की कमी की समस्या को पार्षद रेखा सूर्यवंशी,स्थानीय समाजसेवियों और मोहल्लेवासियों के सहयोग से दूर किया गया।बीजेपी नेता राजू सोनकर ने टाइल्स और पेंट का खर्च उठाया, कान्हा स्टील ने रेलिंग दी और बंधवा पारा के वैष्णव परिवार ने अपने दिवंगत सदस्य स्व. लछमण वैष्णव की स्मृति में जबलपुर से शिवलिंग और मूर्ति भेंट की। सामूहिक प्रयास से मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूरा हुआ।सावन के अंतिम सोमवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भोलेनाथ के शिवलिंग को मंडी द्वार से सजी-धजी पालकी में बैठाकर दुर्गा मंदिर, अमरिया चौक होते हुए नागेश्वर महादेव मंदिर तक लाया गया। विधि-विधान के साथ प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई और मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इस अवसर पर विधायक शशांक शुक्ला सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग, युवा और बच्चे मौजूद रहे।नागेश्वर महादेव मंदिर की यह कहानी सिर्फ एक धार्मिक स्थल के पूर्ण होने की नहीं, बल्कि इंसानियत, भाईचारे और नेक इरादों की जीत की गवाही है।