रेलवे टिकटों की बुकिंग के लिए सीधे रेलवे स्टेशन स्थित रिजर्वेशन काउंटर जाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय और संसाधन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यह काउंटर विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए सुविधाजनक था जो तत्काल टिकट बुक कराने के लिए यहां पहुंचते थे। कई लोग स्टेशन के भीड़भाड़ वाले माहौल से बचने और अपनी सुविधा के अनुसार टिकट बुक कराने के लिए इस काउंटर का उपयोग करते थे। लेकिन अब इस काउंटर के बंद हो जाने के कारण उन्हें मजबूरन रेलवे स्टेशन जाना पड़ रहा है, जहां पहले से ही लंबी कतारें लगती हैं और टिकट बुकिंग में अधिक समय लगता है।
रेलवे द्वारा इस काउंटर को बंद करने का मुख्य कारण भवन की जर्जर स्थिति बताई जा रही है। रेलवे का कहना है कि यह भवन राज्य सरकार के अधीन आता है और इसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। रेलवे द्वारा कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस भवन की मरम्मत कराने का अनुरोध किया गया, लेकिन जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मजबूरन इस काउंटर को बंद करने का निर्णय लिया। इस काउंटर के बंद होने से शहरवासियों को अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों और उन लोगों के लिए जो डिजिटल माध्यमों से टिकट बुक करने में असमर्थ हैं, यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। अब उन्हें लंबी दूरी तय करके रेलवे स्टेशन जाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय और श्रम दोनों प्रभावित हो रहे हैं।


अब सवाल यह उठता है कि क्या रेलवे प्रशासन शहर के किसी अन्य स्थान पर नया रिजर्वेशन काउंटर खोलने पर विचार करेगा, या फिर यात्रियों को इसी प्रकार असुविधा का सामना करना पड़ेगा। यह मुद्दा शहरवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, और वे रेलवे आए राज्य सरकार से जल्द से जल्द कोई समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस समस्या का कोई समाधान निकलता है या नहीं।