
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बाहर सिविल डिफेंस टीम का मनमाना रवैया सामने आया है। यहां टीम के सदस्य बिना किसी वैधानिक अधिकार के दोपहिया और चारपहिया वाहनों में चैन और जैमर लगाकर लॉक कर रहे हैं। ये कार्रवाई न सिर्फ नियमों के खिलाफ है, बल्कि आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब भी बन रही है। रेलवे स्टेशन के बाहर इस समय भारी अव्यवस्था का आलम है। पुनर्विकास कार्य अधर में लटका हुआ है और स्टेशन परिसर में प्रवेश-निकासी के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। इसी बीच सिविल डिफेंस टीम खुद को ट्रैफिक पुलिस समझते हुए गाड़ियों को जबरन लॉक कर रही है।

जबकि नियमों के मुताबिक पुलिस भी बिना कारण वाहन लॉक नहीं कर सकती, और यह अधिकार केवल ट्रैफिक पुलिस को प्राप्त है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि सिविल डिफेंस के कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर न सिर्फ वाहनों को लॉक कर रहे हैं, बल्कि वाहन मालिकों से बदसलूकी और जुर्माना वसूली भी कर रहे हैं। कई बार तो वाहन मालिक की मौजूदगी में ही लॉक लगाने की घटनाएं हो रही हैं, जो पूरी तरह गलत है।यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है, लेकिन रेलवे प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।सवाल यह भी उठता है कि जब रेलवे परिसर में पार्किंग की जिम्मेदारी ठेका कर्मचारियों के पास है, तो वाहन गेट तक कैसे पहुंच जाते हैं? क्या सिविल डिफेंस और ठेकाकर्मियों की मिलीभगत से आम लोगों को परेशान कर अवैध वसूली की जा रही है।जनता अब इस मनमानी से तंग आ चुकी है और रेलवे प्रशासन से मांग कर रही है कि ऐसे अवैध और अधिकारविहीन कार्रवाई को तुरंत रोका जाए। साथ ही, सिविल डिफेंस टीम के कार्यों की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की प्रताड़ना से लोगों को निजात मिल सके।