
बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या में अचानक भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक हर दिन हजारों की संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में अधिकांश लोग मौसमी बीमारियों जैसे वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया, उल्टी-दस्त और सर्दी-जुकाम से पीड़ित हैं।अस्पताल परिसर में मरीजों और उनके परिजनों की लंबी कतारें सुबह से ही नजर आने लगती हैं।

मौसम बदलते ही बिलासपुर सहित आसपास के जिलों में मौसमी बीमारियों ने जोर पकड़ लिया है। सिम्स अस्पताल में हालात यह हैं कि ओपीडी में हर दिन 1800 से 2000 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादातर को बुखार, शरीर में दर्द, मलेरिया, डेंगू, उल्टी-दस्त और सांस संबंधी संक्रमणों की शिकायत है। अस्पताल की ओपीडी हो या इमरजेंसी, हर जगह मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है।

सिम्स के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि हम हालात पर पूरी निगरानी रख रहे हैं और रोज मरीजों की संख्या और उनके रोग के प्रकार की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में मरीज दूरदराज के गांवों और कस्बों से रेफर होकर सिम्स पहुंच रहे हैं, जो जनता के इस अस्पताल पर भरोसे को दर्शाता है।अधीक्षक ने कहा कि हमारे अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ना मौसमी बीमारियों का असर है। हम पूरी तरह तैयार हैं और सभी व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं ताकि किसी मरीज को परेशानी न हो।

शेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। लोगों को अपने घर और आसपास साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए, मच्छरों से बचने के उपाय करने चाहिए और केवल साफ पानी का ही सेवन करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं, लेकिन सिम्स प्रबंधन मरीजों को हरसंभव बेहतर सुविधा देने में जुटा है। गांव-देहात के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर होकर आने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल पर बढ़ते विश्वास को दर्शा रही है। हालांकि, लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या ने अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग दोनों की चिंता जरूर बढ़ा दी है।