
छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क के विस्तार को लेकर एक अहम कदम उठाया जा रहा है। राज्य में नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए किसानों से आपसी सहमति के आधार पर भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। यह विकास परियोजना न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूती देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास की भी संभावनाएं बढ़ाएगी।क्षेत्र की जमीन से जो नई रेल लाइन बनेगी, उसके अधिग्रहण पर प्रभावित किसानों को अब कलेक्टर दर से चार गुना अधिक मुआवजा मिलेगा। एनआरडीए में शामिल 28 गांवों के किसानों की आपसी सहमति से अधिग्रहित जमीन का कलेक्टर अब चार गुना मुआवजा देगा। क्योंकि शहर और गांव के बीच भेदभाव खत्म हो गया है इन गांवों के किसान आरडीए की अनुमति के बिना जमीन खरीद या बेच नहीं सकेंगे। रेलवे को इस क्षेत्र से निकलने वाली नई रेल लाइन के लिए अधिग्रहित जमीन का चार गुना मुआवजा भी देना होगा, क्योंकि इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा उनके दायरे में आ जाएगा।