
शुक्रवार को बिलासा गुड़ी स्थित चेतना सभागार में बिलासपुर रेंज स्तरीय पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष क्लास का उद्देश्य पुलिस विवेचकों को साइबर अपराध की जटिलताओं को समझाने के साथ-साथ नवीनतम तकनीकी साधनों, डिजिटल साक्ष्य संकलन की बारीकियों और अपराधों की आधुनिक जांच प्रक्रिया में दक्ष बनाना था। इस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजय शुक्ला के नेतृत्व और मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में रेंज के सभी जिलों से आए विवेचक, आईओ और तकनीकी शाखा से जुड़े पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशिक्षण का प्रमुख फोकस यह रहा कि कैसे पुलिस साइबर अपराध की जटिल विवेचनाओं में तकनीक का उपयोग कर सटीक जांच कर सके और डिजिटल साक्ष्य को वैध और मजबूत रूप में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सके।पुलिस मुख्यालय रायपुर से विशेष रूप से आए तकनीकी विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण सत्र लिए। इन सत्रों में मोबाइल ऐप्स, सरकारी पोर्टल, लोकेशन ट्रैकिंग टूल्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग कर अपराध की परतें खोलने के तरीके बताए गए। उन्होंने डिजिटल सबूतों की सुरक्षा, फोन ट्रेसिंग, फर्जी लेनदेन की ट्रैकिंग, और डिजिटल कानूनों के अनुपालन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।स्पेशल ब्रांच से आए साइबर विशेषज्ञों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

उन्होंने यह समझाया कि किस प्रकार सोशल मीडिया पर हो रहे अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी और फर्जी पहचान से जुड़े मामलों की जांच की जाती है। डेटा एनालिसिस से लेकर डिजिटल अपराध के सबूत जुटाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया।एआईजी दीपमाला कश्यप ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण पुलिस कर्मियों की कार्यक्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इससे पुलिस महकमा तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत बनकर नई चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो। बिलासपुर रेंज में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यशाला पुलिस महकमे को साइबर फ्रेंडली और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इस प्रशिक्षण से विवेचकों को अपराध की गहराई में जाकर जांच करने के लिए नए औजार, तकनीक और सोच मिली है जो आने वाले समय में साइबर अपराधों की विवेचना में कारगर साबित होगी।