
रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस में सफर कर रही छत्तीसगढ़ी फिल्म एक्ट्रेस ज्योत्सना ताम्रकार के साथ लूट और मारपीट की वारदात ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कटनी आउटर पर करीब 12 से ज्यादा लुटेरे ट्रेन में चढ़े और 20 से अधिक यात्रियों को अपना शिकार बनाया। इस दौरान न तो कोई रेलवे सुरक्षा बल नजर आया, न ही पुलिस की तत्परता दिखी। यह तस्वीरें रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस की उस रात की हैं, जब ट्रेन में आतंक का मंजर देखने को मिला। कटनी स्टेशन के आउटर पर जैसे ही ट्रेन रुकी, बदमाश अंदर घुस आए। उन्होंने गेट को बाहर से बंद कर लिया और डिब्बों में लूटपाट शुरू कर दी। छत्तीसगढ़ी फिल्म एक्ट्रेस ज्योत्सना ताम्रकार जब विरोध करने लगीं तो उनके चेहरे पर मुक्का मारा गया, जिससे आंख के नीचे गंभीर चोट आई।ज्योत्सना ताम्रकार ने बताया कि बदमाश मोबाइल और बैग लूटने की कोशिश कर रहे थे और ट्रेन के कई डिब्बों में रेकी कर रखी थी।

उन्होंने 139 पर कॉल कर मदद मांगी लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। पीड़िता ने कहा कि ट्रेन में न तो RPF के जवान थे और न ही GRP की मौजूदगी दिखी। बिलासपुर पहुंचने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपना दर्द बयां किया।ज्योत्सना का आरोप है कि बिलासपुर जीआरपी के अफसरों ने भी उन्हें गुमराह किया। कहा गया कि घटना कटनी की है, इसलिए शिकायत वहीं करें। जबकि यह ट्रेन छत्तीसगढ़ की सीमा में थी और सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की मानी जाती है। इस पर मण्डल के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह ने सफाई दी कि घटना कटनी आउटर पर हुई और यह जिला पुलिस के क्षेत्र में आता है।सीनियर डीसीएम ने बताया यह घटना कटनी आउटर पर हुई है। मामला मारपीट और छीना-झपटी से जुड़ा है। रनिंग ट्रेन में होता तो GRP की जिम्मेदारी होती, लेकिन यह जिला पुलिस के क्षेत्र में आता है। कटनी और शहडोल जैसे स्टेशन पहले भी इस तरह की घटनाओं के लिए कुख्यात रहे हैं। रेल यात्रियों का भरोसा डगमगाने लगा है। रात की ट्रेनों में लूट, छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं। सवाल यह है कि रेलवे और पुलिस प्रशासन इतने बड़े नेटवर्क में अब तक यात्रियों की सुरक्षा का स्थायी हल क्यों नहीं निकाल पाए हैं