
नवा रायपुर के ग्राम बंजारी में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला भवन के निर्माण का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री और कई वरिष्ठ नेता-अधिकारी मौजूद रहे। दोनों संस्थान 40 एकड़ में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाए जाएंगे। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने प्रारंभिक रूप से 130-130 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इन संस्थानों से फोरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान और फोरेंसिक मनोविज्ञान जैसे क्षेत्रों में शिक्षा और प्रशिक्षण के नए द्वार खुलेंगे। इससे छत्तीसगढ़ को अपराध अनुसंधान में नई पहचान मिलेगी।एनएफएसयू को 2020 में राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया गया है। यह संस्थान फोरेंसिक और अपराध विज्ञान में युवाओं को विशेषज्ञता दिलाने का कार्य करेगा।

वहीं एनएफएसएल देश की सबसे हाइटेक फोरेंसिक लैब बनेगी, जो वैज्ञानिक जांच को और सशक्त बनाएगी।भूमिपूजन कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, विजय शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान लोगों में खासा उत्साह देखा गया।केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि ये संस्थान देश में अपराध नियंत्रण और न्याय व्यवस्था को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि हर राज्य में अपराध अनुसंधान में आधुनिक तकनीक और विज्ञान का अधिकतम उपयोग हो।इस ऐतिहासिक मौके पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, मुख्य सचिव अमिताभ जैन और डीजीपी अरुण देव गौतम समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और स्थानीय लोग मौजूद थे।यह परियोजना नवा रायपुर को राष्ट्रीय फोरेंसिक हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।