
बिलासपुर छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ ने राज्य के स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मियों की नियमितिकरण और न्यायोचित वेतन वृद्धि की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि वर्षों से सेवा दे रहे अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए और 2025 में होने वाली योजना के तहत उन्हें यथावत रखा जाए। संघ का कहना है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से मात्र 2 घंटे की सेवा के आधार पर काम कर रहे हैं, जिसके बदले उन्हें मात्र 3000 से 3400 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाता है। हालांकि, वास्तविकता यह है कि इन कर्मचारियों से स्कूलों में दिनभर की सेवाएं ली जाती हैं और दोपहर बाद भी उन्हें अन्य कार्यों में लगाया जाता है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि लोकसभा चुनाव के समय प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 12000 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2023 विधानसभा चुनाव में इस वर्ग को नियमित करने की घोषणा भी की गई थी, लेकिन आज तक उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।संघ ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली के तहत यदि नियमित शिक्षक और कर्मचारी रखे जाते हैं, तो सफाई कर्मचारियों के साथ यह भेदभाव क्यों? जब स्कूल स्वच्छता अभियान और अन्य योजनाओं में इन्हीं कर्मचारियों से अपेक्षाएं की जाती हैं, तो उन्हें सम्मानजनक वेतन और स्थायी रोजगार क्यों नहीं दिया जाता? अंत में संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के सभी अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को आगामी नियोजन वर्ष 2025 में यथावत रखते हुए उन्हें नियमित किया जाए और वेतन में बढ़ोतरी कर न्यूनतम ₹12,000 से ₹14,000 प्रति माह किया जाए। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।