अचानकमार टाइगर रिजर्व में चार हाथियों का दल जंगल की सुरक्षा कर रहा है। राजू, लाली, सावन एवं फागू नाम से पहचाने जाने वाले इन हाथियों की चिंघाड़ से जंगल के दुश्मन थर्राते हैं। महावत के साथ वनकर्मी इन पर बैठकर उन जगहों की निगरानी करते हैं, जहां बाइक या दूसरे वाहनों से पहुंचना कठिन होता है। चार हाथियों का दल प्रतिदिन 10 से 15 किमी तक पैट्रोलिंग के बाद दल सिहावल सागर स्थित कैंप में आराम फरमाते हैं।

राजू हाथी तो इतना उपयोगी हो गया कि प्रदेश के अलग-अलग वनमंडल में पहुंचकर टाइगर मानिटरिंग या फिर आबादी क्षेत्र में पहुंचे हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में सहयोग देता है। कैंप में इन्हें काफी जतन से रखा गया है। इनके लिए आहार से लेकर स्नान एवं अन्य सुविधाएं हैं। अचानकमार टाइगर रिजर्व पहले केवल सेंचुरी हुआ करता था। टाइगर रिजर्व बनने के बाद प्रबंधन यहां की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के सैर का दायरा भी 20 प्रतिशत सीमित कर दिया गया है।


