
बिलासपुर में अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के गार्डन, सफाई कर्मी और माली शुक्रवार सुबह विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए। इन कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक काम से हटा दिया गया, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ गया है। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे वर्षों से यूनिवर्सिटी में सफाई, बागवानी और देखरेख का कार्य कर रहे थे और गुरुवार तक नियमित रूप से ड्यूटी कर रहे थे। लेकिन शुक्रवार को उन्हें अचानक जानकारी दी गई कि नया टेंडर हो गया है और अब उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है। इससे लगभग 50 परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन बाहरी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पुराने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है, जबकि काम अपने परिचितों को दिया जा रहा है।

उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति और परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। सफाई कर्मियों ने पहले यूनिवर्सिटी के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन किया, फिर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि उन्हें फिर से काम पर रखा जाए और टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने उचित कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी। कर्मचारियों ने कहा कि वे किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनके साथ न्याय हो और उनके परिवारों की रोजी-रोटी सुरक्षित रहे। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने प्रशासन से जल्द समाधान निकालने की अपील की है।