
एनएसयूआई के प्रमुख सदस्य लक्की मित्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा बीए एलएलबी, बीकॉम एलएलबी और एलएलएम जैसे स्नातक एवं स्नातकोत्तर विधि पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया गया है। इस नई प्रणाली के तहत प्रश्न पत्र का विभाजन 20 अंक के आंतरिक मूल्यांकन और 80 अंक की विश्वविद्यालय परीक्षा के रूप में किया जाना है। हालांकि, इस प्रणाली को अभी तक विश्वविद्यालय में लागू नहीं किया गया है, जिससे छात्रों में भ्रम और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

इसके अलावा, एनएसयूआई के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय परिषद में एक अन्य राजनीतिक संगठन द्वारा जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जो कि विश्वविद्यालय की तटस्थता और शैक्षणिक वातावरण के विपरीत है। एनएसयूआई ने इस कार्यक्रम का विरोध किया और इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई ने कई अन्य छात्रहित मुद्दों को भी उठाया, जिनमें परीक्षा तिथियों की अनियमितता, पाठ्यक्रम की समय पर पढ़ाई न होना, और प्रशासनिक लापरवाही प्रमुख रूप से शामिल हैं। छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।