

बिलासपुर:- बिलासपुर के एक निजी अस्पताल संचालक ने स्वास्थ्य मंत्री और सचिव को पत्र लिखकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। शिकायत का केंद्र बिंदु सीएमएचओ कार्यालय में पिछले आठ साल से जमे हॉस्पिटल कोऑर्डिनेटर हार्दिक सेलारका हैं, जिन पर पद का दुरुपयोग, मनमानी निरीक्षण, अस्पतालों को धमकाकर योजना से बाहर कराने और भय का माहौल बनाने जैसे आरोप लगाए गए हैं।शिकायत में कहा गया है कि हार्दिक सेलारका बिना अनुमति अस्पतालों में पहुंचकर कर्मचारियों और डॉक्टरों पर दबाव डालते हैं। जो अस्पताल उनकी आवभगत नहीं करते या कथित ‘चंदा’ नहीं देते, उन्हें योजना से बाहर कराने के लिए नकारात्मक रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है। आरोप है कि भ्रष्टाचार के डर से अधिकांश निजी अस्पताल इनके खिलाफ खुलकर बोलने से बचते हैं, क्योंकि जिन्होंने आवाज उठाई, उनके यहां तुरंत छापा पड़ता है और उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाता है।पत्र में यह भी आरोप है कि हाल ही में हार्दिक सेलारका एक अस्पताल में लंच के समय सरकारी गाड़ी और टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़े डॉक्टरों को दरकिनार कर महिला चिकित्सक के साथ अंदर जाकर दस्तावेजों की जांच की और फोटो खींची।इतना ही नहीं, आईसीयू में एक महिला मरीज की तस्वीर भी उस समय ली गई जब उसका डायपर बदला जा रहा था।शिकायतकर्ता ने मांग की है कि पूरे मामले की तत्काल जांच की जाए।शिकायकर्ता का कहना है कि यह न केवल पद की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि महिला के सम्मान और मरीज की निजता का भी गंभीर उल्लंघन है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हो रहा है, जिसमें हार्दिक सेलारका का यह पूरा कारनामा साफ तौर पर नजर आ रहा है। मीडिया को जानकारी देते हुए सीएमएचओ सुभा गरेवाल ने कहा कि इस पूरे मामले का संज्ञान लिया गया है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है।