
पिछले कुछ समय से भारतीय रेल के द्वारा अपने सभी मंडलों में नॉन इंटरलॉकिंग कार्य की वजह से बड़ी संख्या में ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है इंटरव्यू के रद्द होने से यात्रियों की समस्या बढ़ गई है और वह लगातार रेल प्रशासन पर आक्रोश जाहिर कर रहे हैं लेकिन रेल प्रबंधन का मानना है कि नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान ट्रेनों को रद्द किए जाने की जरूरत होती है क्योंकि एक यात्री ट्रेन को निकलने में काम से कम 15 मिनट का वक्त लगता है ऐसे में अगर ट्रेनों का परिचालन यथावत होते रहा तो नॉन इंटरलॉकिंग के कर में दिक्कतें होती है।

यही वजह है कि ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है जिससे आने वाले समय में यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध हो सके लेकिन दूसरी तरफ माल गाड़ियों का परिचालन यथावत रखा जाता है अगर यात्री पैसेंजर ट्रेन को गुजरने में 15 मिनट का वक्त लगता है तो माल गाड़ियों को तो और अधिक समय लगता है ऐसे में जब इनका परिचालन यथावत है तो फिर यात्री ट्रेनों का परिचय क्यों प्रबंध किया गया है यह सवाल है जिस पर रेल अधिकारी भी कुछ का पानी में अक्षम नजर आ रहे हैं।