इन दोनों मुस्लिम समाज रमजान मना रहा है। रोजे रखकर इफ्तारी की जा रही है तो वहीं अब रमजान आखिरी दौर में है। 11 अप्रैल को चांद दिखा दो ईद मनाया जाएगा, इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। ईद को लेकर तमाम तरह की खरीदारी बाजार में हो रही है। तभी तो बिलासपुर का बाजार भी ईद की सबसे बड़ी पहचान, सेवाइयों से सज गया है। बिलासपुर के कुछ प्रमुख बाजारों में सेवई की अस्थायी दुकाने लगी है, जिन में गोल बाजार प्रमुख है। यहां तरह-तरह की वैरायटी की सेवई से सजी दुकान नजर आने लगी है। हर वर्ग की पसंद को ध्यान में रखकर यहां बनारसी लच्छेदार सेवई, कानपुर की लच्छेदार सेंवई, बनारसी कीमामी लच्छेदार सेवई , गोरखपुर पटना और बेतिया सहित 13 अलग-अलग जगह से सेवई मंगाई गई है, जिनमे सामान्य से लेकर देसी घी से बनी सेंवई भी है, यहां सेंवई की कीमत 90 रु से लेकर 550 रुपए किलो तक है। कुछ सफेद रंग की है तो कुछ पर रंगत चढ़ी हुई है। इस वर्ष बिलासपुर के बाजार में भुंजी सेवइयां ₹90 किलो है तो वही लाल लच्छा , सफेद लच्छा और डबल फ्राई सेवई 140 रुपए , हल्दीराम लच्छा फेनी 190 रुपए, पंजाबी सेवई, लड्डू सेवई ₹180, दूध फेनी 160 रुपए की कीमत पर उपलब्ध है। घी से बनी सेवई 550 रुपए किलो बेची जा रही है।

चंदर पमनानी ईद पर वैसे तो कई तरह के व्यंजन बनते हैं लेकिन ईद की पहचान मीठी सेवई है, जिसके लिए बाजार में एक तरफ आकर्षक सेवाइयों की दुकान सज गई है तो वहीं सेवई बनाने की अन्य सामग्रियों की भी बिक्री हो रही है जिनमे सूखे मेवें शामिल है। बिलासपुर में गोल बाजार के अलावा तालापारा, शनिचरी, बुधवारी बाजार, पुराना बस स्टैंड में भी बड़ी संख्या में सेंवई की दुकान लगी है, जहां से मुस्लिम खरीददारी कर रहे हैं। वैसे हर साल मुसलमानों के अलावा अन्य लोगों को भी इन दुकानों की प्रतीक्षा होती है क्योंकि ऐसी वैरायटी केवल ईद पर ही बिलासपुर के बाजार में उपलब्ध होती है। फिलहाल खरीददारी शुरू तो हो चुकी है लेकिन उतनी तेजी नहीं है जिसकी अपेक्षा की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि ईद से एक-दो दिन पहले बाजार में तेजी आएगी।