मार्च महीने की शुरुआत होते ही होली का रंग चारों ओर बिखरने लगता है। इसी रंगारंग माहौल को और खास बनाने के लिए महिलाओं द्वारा प्री-होली का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन विशेष रूप से उन महिलाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है, जो अपने व्यस्त कामकाज के कारण त्यौहार के दिन पूरी तरह सम्मिलित नहीं हो पातीं। प्री-होली उत्सव महिलाओं को एक मंच प्रदान करता है, जहाँ वे अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ पल निकालकर खुद के लिए खुशियों के रंग बिखेर सकें। इस आयोजन में महिलाएं मिलकर रंगों और फूलों से होली खेलती हैं, जिससे यह आयोजन और भी आकर्षक और आनंददायक बन जाता है। फूलों की होली का अपना एक अलग ही आनंद होता है, जहाँ गुलाब, गेंदा, और अन्य सुगंधित फूलों की पंखुड़ियों से महिलाएं एक-दूसरे को सराबोर कर खुशी का इज़हार करती हैं।

इसके अलावा, इस अवसर पर विभिन्न मनोरंजन और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। जिसमें नृत्य, गायन, पारंपरिक खेल, और अन्य मज़ेदार गतिविधियाँ शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से महिलाएं अपनी प्रतिभा को निखारने और एक-दूसरे के साथ उत्सव का आनंद उठाने का अवसर प्राप्त करती हैं। इस तरह, प्री-होली का आयोजन महिलाओं के लिए सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि सौहार्द, उल्लास और आत्म-समर्पण का एक विशेष अवसर बन रहा है। यह आयोजन न केवल उनकी व्यस्त दिनचर्या से कुछ सुकून के पल देता है, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से एक-दूसरे के साथ जोड़कर त्यौहार की असली खुशी का अनुभव भी कराता है।