दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गोंदिया से बल्लारशाह के बीच डबिंग रेल परियोजना की विस्तृत जानकारी शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी। स्कूल योजना के पूर्ण होने से रेल परिचालन के साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय रेल परिचालन व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए लगातार नए ट्रैक बिछाने के साथ नई रेल लाइन की भी स्वीकृति प्रदान कर रहा है। जिससे सभी क्षेत्रों को रेल नेटवर्क को पहुंचने और उन क्षेत्रों के विकास में सहभागी बन सके। इसी कड़ी में शुक्रवार को मुंबई में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में चल रहे रेल परियोजनाओं के संबंध में जानकारी दी इस दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गोंदिया से बल्लारशाह तक डबलिंग रेल लाइन परियोजना के संबंध में भी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कुल 4819 करोड रुपए की लागत से 240 किलोमीटर डबलिंग रेल लाइन का निर्माण यहां किया जा रहा है इस पूरे डबलिंग कार्य में कुल 29 स्टेशन आएंगे मौजूदा समय में यहां 1 9 स्टेशन मौजूद है जो बढ़कर अब 29 हो जाएंगे इसके अलावा नॉर्थ से साउथ को जोड़ने का या सबसे बड़ा कॉरिडोर होगा। तो इसके अंतर्गत 36 बड़े पुल, 338 छोटे पुल, लगभग 67 अंदर बाईपास आएंगे। इस प्रोजेक्ट से विदर्भ मराठवाड़ा के क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ेगी इसके अलावा महाराष्ट्र की बात करें तो महाराष्ट्र में कई बड़े प्रोजेक्ट मौजूदा समय में गतिमान है जिसमें बुलेट ट्रेन, फ्रेट कॉरिडोर और स्टेशन विकास की लगभग एक लाख तिहत्तर हजार आठ सौ चार करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं । तो वही इस वर्ष महाराष्ट्र को रेल बजट में तेईस हजार सात सौ अठहत्तर करोड रुपए प्रदान किए गए हैं जो पिछली यूपीए सरकार की तुलना में 20 गुना ज्यादा है इसके अलावा महाराष्ट्र को नई आईआईसीटी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट आफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी की भी सुविधा प्रदान की गई है मौजूदा समय में भारत देश में कुल 1300 स्टेशनों का रिमॉडलिंग का काम चल रहा है तो वही अकेले महाराष्ट्र में कुल 132 स्टेशनों में रिमॉडलिंग का काम तेजी से गतिमान है।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महाराष्ट्र के 15 स्टेशन आते हैं जिन पर तेजी से काम किया जा रहा है इसके अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेशन से गडचिरोली तक एक नई रेल लाइन बिछाई जा रही है। जिससे आने वाले समय में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। यह सब परियोजना आगामी 2030 तक पूर्ण हो जाएंगे । उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला यह महत्वपूर्ण रेल मार्ग नागझिरा अभयारण्य और नवागांव राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा।वही इस परियोजना के पूर्ण होने से रेलवे को हर वर्ष 62 करोड़ किलोग्राम CO2 की बचत होगी जो 2.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।यह पारेयोजना पर्यावरणीय संरक्षण, पर्यटन व क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ स्वच्छ और कुशल परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।