

बिलासपुर — रेलवे ने यार्ड मॉडिफिकेशन वर्क के चलते 16 दिन तक 30 ट्रेनें रद्द और 6 का रूट बदलने का फैसला लिया है। बिलासपुर-झारसुगुड़ा रूट पर होने वाले इस काम का असर एमपी, बिहार, महाराष्ट्र समेत सात राज्यों के यात्रियों पर पड़ेगा। वहीं, ट्रेनों की रद्दी को लेकर सियासत भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहाअब अडानी का कोयला चलेगा, जनता की ट्रेन रुकेगी। बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत बिलासपुर झारसुगुड़ा रूट पर चौथी लाइन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। इसी कारण 31 अगस्त से 15 सितंबर तक 30 ट्रेनों को रद्द करने और 6 ट्रेनों के मार्ग बदलने का निर्णय हुआ है। इस दौरान रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस, ओणम, तीजा और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों में यात्रियों को भारी परेशानी होगी। रेलवे के मुताबिक, इस अवधि में नॉन-इंटरलॉकिंग वर्क के चलते ट्रेनों का संचालन असुरक्षित होता है, इसलिए रद्दी जरूरी है।सीनियर डीसीएम ने कहा नॉन इंटरलॉकिंग वर्क संवेदनशील तकनीकी कार्य है, जिसमें मशीनी संचालन बंद कर मैनुअल मोड में काम होता है। इसमें थोड़ी सी गलती भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्रेनों की रद्दी पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहाअब तो भाई, अडानी का कोयला ढुलवाना है, आम जनता की ट्रेन तो रुक ही जाएगी।बघेल ने बृजमोहन अग्रवाल पर तंज कसते हुए कहापहले वो झंडी दिखाने की बात कर रहे थे, बाद में पता चला ट्रायल ट्रेन को हरी झंडी दी गई।भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारों में जनता बेहाल है, लेकिन सरकार जिम्मेदारी से भाग रही ट्रेनें रद्द होने और रूट बदलने से आम यात्री खासे परेशान हैं। त्योहारों में टिकट मिलने से लेकर सफर करने तक हर कदम पर उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया और स्थानीय मंचों पर भी नाराजगी जताई है।अब देखने वाली बात यह होगी कि रेलवे तय समय पर इस इंफ्रास्ट्रक्चर वर्क को पूरा कर पाता है या नहीं, ताकि यात्रियों की सुविधा जल्द बहाल हो सके।