
दमोह पुलिस ने जांच में पाया कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की एमबीबीएस की डिग्री भी एक महिला के नाम पर है और उसकी एमडी व डीएम की डिग्रियां भी फर्जी पाई गई है। डॉक्टर जॉन केम की डिग्री में कोई पंजीयन नंबर नहीं है और ना ही तारीख है। डिग्री में केवल वाइस चांसलर व चांसलर के हस्ताक्षर हैं और वह भी फर्जी, क्योंकि पांडिचेरी केंद्र शासित राज्य है और वहां चांसलर उपराष्ट्रपति होते हैं। डिग्री में जुलाई 2013 का उल्लेख है। उस वक्त वहां उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे पर डिग्री में जो हस्ताक्षर हैं वे उनके हस्ताक्षर से मेल नहीं खा रहे हैं।इस मामले में सरकंडा थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद कई बातें सामने आ रही हैं। मामले में एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि पुलिस को आरोपी के पास से एमबीबीएस की दो डिग्री मिली हैं। एक नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के नाम से है और दूसरा नरेंद्र केम जान के नाम से। इन्हें 1996 में बनाया था।
जाँच मे पता चला की आरोपी डाक्टर ने अस्पतालों में नौकरी करने दौरान केवल एमबीबीएस की डिग्री ही जमा की थी। इसके बाद भी स्पेशलिस्ट का काम कर रहा था। ऑपरेशन करने के लिए एमएस की डिग्री होनी चाहिए। सरकंडा पुलिस के अनुसार आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले जरूरी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। जल्द ही उसे गिरफ्तार करने एक टीम दमोह जाएगी।