बांग्लादेश में जारी हिंसा के विरोध में अब राष्ट्रवादी संत समाज भी सामने आया है। उनके द्वारा भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है। बांग्लादेश में पिछले एक महीने से जारी हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बीच शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद जिस तरह से वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू समाज पर हमले हो रहे हैं उसके विरोध में अब संत समाज भी आ गया है। भले ही कथित शंकराचार्यो ने इस मामले में मौन धारण कर लिया हो लेकिन बिलासपुर में श्री अखिल भारतीय संत समिति एवं अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज द्वारा बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर अपना विरोध प्रकट किया है। प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से संतों ने कहा कि आज दुनिया पूरी दुनिया इस्लामिक कट्टरपंथियों और उनकी हिंसा से ग्रसित है। भारत तो सदियों से यह त्रासदी झेल रहा है। पड़ोसी देश बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को भी वहां की राजनीतिक परिस्थितियों का खामयाजा भुगतना पड़ रहा है।

अमेरिका, चीन, पाकिस्तान जैसे देशों ने पहले तो बांग्लादेश में तख्ता पलट करवाया और फिर वहां धार्मिक हिंसा का नंगा खेल आरंभ कर दिया, ताकि करीब सवा करोड़ हिंदुओं को वहां से भारत मे पलायन करना पड़े और भारत का आर्थिक विकास अवरुद्ध हो। साथ ही बांग्लादेश की जमीन का सामरिक इस्तेमाल भी अमेरिका, चीन और भारत के विरुद्ध कर सके। हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार, बहन बेटियों के साथ किए जा रहे अनाचार और हिंदू मंदिरों को आग लगाने के मामले में अब तक खामोश रहने वाले बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने जब मुंह खोला तो उसने जिहादियों की तरफदारी करते हुए भारत को इस मामले में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दे दी। बिलासपुर में महामंडलेश्वर श्री सर्वेश्वर दास जी महाराज ने कहा कि जिहादी मानसिकता वाले मोहम्मद यूनुस से यही उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जो आज बांग्लादेश में हो रहा है वही कल भारत में भी हो सकता है और उस समय कोई मदद के लिए नहीं आएगा। इसलिए सभी को व्यक्तिगत रूप से उसके लिए तैयार रहना होगा। यही बचाव का एक मात्र उपाय है। संतों ने सरकार से भी गुहार लगाते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने और वहां रहने वाले हिंदुओं को भारत की नागरिकता देने का आह्वान किया।

इस मौके पर पीतांबरा पीठाधीश्वर दिनेश चंद्र जी महाराज ने कहा कि भारत विश्व को अपना कुटुंब मानता है और सर्वे भवंतु सुखिनः का अनुयाई है, लेकिन दुष्टों से युद्ध करने की शिक्षा हमारे धर्म ग्रंथ भी देते हैं, इसलिए ऐसे आतताइयों का हर स्तर पर विरोध होना चाहिए और आवश्यक हुआ तो शास्त्र के ज्ञाता शस्त्र लेकर भी मैदान में उतरेंगे।

बिलासपुर में एकत्रित संत समाज ने कहा कि मीडिया के माध्यम से जो तस्वीर बांग्लादेश से निकाल कर आ रही है वह आहत कर रही है। दुनिया में सभी पंथ, समुदाय और मजहब के अपने देश हैं लेकिन सनातनियों का अपना कोई देश नहीं है और अगर सनातनियों पर संकट आया तो उनकी मदद के लिए भी कोई देश नहीं आएगा, इसलिए पूरे सनातन समाज से सचेत होने का आह्वान किया गया। श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आयोजित प्रेस वार्ता में महामंडलेश्वर श्री सर्वेश्वर दास जी महाराज, आचार्य दिनेश चंद्र महाराज, महंत नरेंद्र दास जी महाराज, मंडलेश्वर दिव्याकांत जी महाराज, महंत राधेश्याम जी महाराज, महंत श्री राम रूप दास जी महाराज, महंत वेद प्रकाश आचार्य आदि उपस्थित रहे। जिन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर सभी विरोध प्रदर्शन को संतों का भी नैतिक समर्थन है।
