
बिलासपुर – नगर निगम के जोन क्रमांक 5 में सोमवार को ऐसा हंगामा हुआ कि कर्मचारी सहम गए। बीजेपी पार्षद रंगा नादम पर आरोप है कि उन्होंने एक कर्मचारी के साथ न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि हाथापाई करने तक की कोशिश की। वजह चौंकाने वाली है – आरोप है कि पार्षद बिना भौतिक सत्यापन के दस्तावेजों में साइन कराने का दबाव बना रहे थे, और इनकार होते ही बेकाबू हो गए। पीड़ित कर्मचारी मनीष कुमार उपाध्याय के मुताबिक, उन्हें राशन कार्ड सत्यापन का काम सौंपा गया था। पार्षद रंगा नादम बार-बार फोन कर बिना भौतिक जांच के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाल रहे थे। जब मनीष ने साफ मना किया, तो वार्ड 33 के पार्षद ने पहले फोन पर गालियां दीं और फिर कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया।आरोप है कि पार्षद रंगा नादम ने दफ्तर में घुसते ही मनीष को धमकाया, उनके साथ धक्का-मुक्की की और यहां तक कि कुर्सी उठाकर मारने की कोशिश भी की। पूरे घटनाक्रम से कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों और नागरिकों में दहशत फैल गई। मनीष का कहना है कि यह सिर्फ व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि सरकारी कार्य में बाधा डालने का गंभीर मामला है।मनीष कुमार उपाध्याय ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों और निगम प्रशासन से लिखित शिकायत कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधियों का काम जनता की सेवा करना है, न कि सरकारी कर्मचारियों को दबाव और धमकी देकर नियम तोड़ने पर मजबूर करना।यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी जनप्रतिनिधि पर सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाने के आरोप लगे हों, लेकिन इस बार मामला हाथापाई तक पहुंच गया। सवाल यह है कि क्या ऐसे जनप्रतिनिधि अपने पद पर बने रहने के योग्य हैं। देखने वाली बात होगी कि इस पर हैं कि नगर निगम प्रशासन और पुलिस इस मामले में कितनी सख्त कार्रवाई करे।