
नगर निगम क्षेत्र के भीतर भूमाफिया बेधड़क जमीनों के टुकड़े कर बेच रहे हैं। न टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति ली जा रही है, न ही रेरा में पंजीयन कराया जा रहा है। कार्रवाई के तमाम दावे कागजों तक सिमट गए हैं। मंगला क्षेत्र के दीनदयाल कॉलोनी, अमन विहार, चड्डा बॉडी और नया पारा इलाके अवैध प्लॉटिंग के बड़े गढ़ बन चुके हैं। कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां उगाई जा रही हैं, जिसमें ना कोई मास्टर प्लान का पालन हो रहा है और न ही किसी अधिकारी का खौफ दिख रहा है। कलेक्टर के आदेशों के बाद भी निगम का रवैया महज़ औपचारिकता निभाने तक सिमट गया है। मास्टर प्लान की अनदेखी बिलासपुर के लिए आने वाले वक्त में बड़ी मुसीबत बन सकती है।

वार्ड 13 के पार्षद से जब इस मामले में सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि हमने पटवारी से रिपोर्ट मंगवाई है, जल्द ही नाम-पते कलेक्टर और आयुक्त को सौंपे जाएंगे, उसके बाद कार्रवाई होगी। असली सवाल यही है कि जब अवैध प्लॉटिंग खुलेआम हो रही है, तो कार्रवाई में देरी क्यों।प्रशासन की यह ढिलाई आने वाले समय में बिलासपुर के भविष्य पर बड़ा खतरा बन सकती है। अब देखना यह है कि निगम और जिला प्रशासन नींद से कब जागते हैं और कब जमीनी सख्ती दिखती है।