

बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों की देरी अब यात्रियों की रोज़मर्रा की परेशानी बन गई है। चाहे गर्मी हो, बरसात या ठंड… ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच रहीं और यात्री घंटों प्लेटफॉर्म पर इंतजार करने को मजबूर हैं।हर दिन की कहानी अब एक जैसी हो चुकी है। ट्रेनें घंटों की देरी से स्टेशन पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों का सफर असुविधा और थकान से भर जाता है। बिलासपुर स्टेशन पर पहुंचने वाली कई ट्रेनों का औसत विलंब समय 2 से 4 घंटे और कई बार 8 घंटे तक पहुंच चुका है।रेल प्रशासन का कहना है कि पंक्चुअलिटी रेट यानी समय पर ट्रेन संचालन की दर करीब 70 प्रतिशत है और इसे बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य, पटरियों की मरम्मत और मानसून की प्राकृतिक बाधाएं देरी की बड़ी वजह हैं।हमारी औसत पंक्चुअलिटी करीब 70% है, लेकिन हम लगातार सुधार की कोशिश कर रहे हैं। क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य और मानसून में आने वाली प्राकृतिक अड़चनें समय-पालन में बाधा बनती हैं।रेलवे यात्रियों को बेहतर सेवा देने के दावे करता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की यात्रा और कनेक्टिंग ट्रेन दोनों को प्रभावित कर रही है।

निर्माण कार्य और मौसम की चुनौतियों के बीच रेलवे को यात्रियों की सुविधा और भरोसे को प्राथमिकता देनी होगी, क्योंकि यह समस्या अब सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि उनकी असल जिंदगी की परेशानी बन चुकी है।